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Russia-ukraine War:रूस को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला हिमार्स क्या है, यूक्रेन के लिए कैसे हुआ उपयोगी? – Russia-ukraine War: How Himars Are Useful For Ukraine, Know Everything About The System

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हिमार्स सिस्टम

हिमार्स सिस्टम
– फोटो : Amar Ujala

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रूस-यूक्रेन युद्ध में एक बार फिर तेजी आ गई है। 2023 की शुरुआत के दो दिनों में दोनों तरफ से 113 सैनिकों की मौत हो चुकी है। यूक्रेनी सेना के मुताबिक अमेरिकी हिमार्स रॉकेटों से माकीव्का पर किए हमले में एक ही बार में 63 रूसी सैनिकों की मौत हुई है। वहीं, रूसी सेना ने बताया कि लुहांस्क में रविवार-सोमवार के बीच यूक्रेन के 50 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं।

लुहांस्क में रूस की तरफ से नियुक्त किए गए प्रशासक इगोर स्ट्रेल्कोव ने बताया कि यूक्रेनी हमले में सैकड़ों सैनिक हताहत हुए हैं। वहीं, रूसी सेना ने बताया कि बीते एक दिन में यूक्रेनी सेना ने लुहांस्क और दोनेस्क पर 400 हमले किए, जिससे करीब 16 हजार घरों में बिजली नहीं आ रही है।

10 महीने पहले शुरू हुए युद्ध के बाद से यह पहली बार है जब रूस ने किसी एक घटना में 60 से ज्यादा सैनिकों की मौतों को स्वीकार किया है। रूस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। रूस को भारी नुकसान के पहुंचने के पीछे अमेरिकी हिमार्स मिसाइल सिस्टम का हाथ बताया जा रहा है। 
आखिर हिमार्स मिसाइल सिस्टम क्या है? इसकी विशेताएं क्या हैं? यूक्रेन के लिए कैसे उपयोगी साबित हुआ है? क्या हिमार्स यूक्रेन के लिए निर्णायक साबित हो सकता है? रूस के पास क्या इसका कोई जवाब है? हिमार्स सिस्टम के इस्तेमाल का इतिहास क्या है? हिमार्स सिस्टम का इस्तेमाल कितने देशों में हो रहा है? आइये जानते हैं….
आखिर हिमार्स मिसाइल सिस्टम क्या है?
अमेरिकी हथियार निर्माता कम्पनी लॉकहीड मार्टिन ने हिमार्स, हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम तैयार किया है। यह तकनीकी रूप से उन्नत, किफायती और टिकाऊ मिसाइल सिस्टम है। पहिए वाली चेसिस पर मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम मारक क्षमता प्रदान करने वाला, हिमार्स MLRS लॉन्चर सिस्टम का सबसे नया सदस्य है। हिमर्स को पांच टन के ट्रक पर लगाया जाता है जो एक के बाद एक छह गाइडेड मिसाइल दाग सकता है।
 
हिमार्स मिसाइल सिस्टम की विशेताएं क्या हैं? 
हिमार्स के निर्माता की मानें तो दुनिया भर में 540 से अधिक फील्ड सिस्टम हैं जो 2,000,000 से अधिक घंटे से युद्ध क्षेत्र में तैनात हैं। 
हिमार्स शूट-एंड-स्कूट क्षमता का उपयोग करता है जिसका मतलब होता है कि मिसाइल दागकर अपने स्थान से तुरंत हट जाती है। यह उच्च खतरे वाले वातावरण में चालक दल और वाहन को बचाए रखने में मदद करता है। हिमार्स कुछ ही मिनटों में फायर कर सकता है, स्थानांतरित कर सकता है और पुनः लोड कर सकता है, जिससे विरोधी की हिमार्स को खोजने और लक्षित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
 
यूक्रेन के लिए कैसे उपयोगी साबित हुआ है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में यूक्रेन में हिमार्स का इस्तेमाल शुरू हुआ। पहली बार इससे रूसी सीमा से लगभग 30 मील पीछे गोला-बारूद डिपो पर हमला किया गया था। यूक्रेन ने दावा किया था कि लिसिचांस्क में एक मिसाइल हमले में, हीमार्स ने 100 सैनिकों को ढेर कर दिया था। इसके अलावा इसने लुहांस्क में पोपस्ना में मिसाइल हमले में 100 रूसी नागरिकों की मौत का दावा भी किया था। दोनों हमलों में हिमार्स के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। 
क्या हिमार्स यूक्रेन के लिए निर्णायक साबित हो सकता है?
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि हिमार्स उनके देश के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण है। फेसबुक पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा था, “हिमार्स और अन्य सटीक हथियार हमारे पक्ष में युद्ध की परिस्थितियों को बदल रहे हैं”।

वहीं, यूक्रेनी रक्षा सचिव ओलेक्सी रेजनिकोव ने एक बयान में कहा था कि यूक्रेन को रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोकने के लिए 50 और हिमार्स सिस्टम की जरूरत है, और एक सफल जवाबी हमले के लिए 100 और चाहिए। अगस्त के मध्य तक, अमेरिकी सेना के अनुसार, यूक्रेन की सेना ने हिमार्स से 100 से ज्यादा अहम रूसी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इसके अलावा यह आपूर्ति लाइनों को काटने में मदद करता है जो इसे एक बहुत ही महत्वपूर्ण हथियार बनाता है।
रूस के पास क्या इसका कोई जवाब है?
रूसी सेना ने बार-बार कई लांचरों और 100 से अधिक मिसाइलों को नष्ट करने का दावा किया है। विशेषज्ञों की मानें तो रूसी हिमार्स को नष्ट करके उनका मुकाबला करने में बहुत अच्छे नहीं हैं। क्योंकि वे युद्ध क्षेत्रों में सुरक्षित रूप से विमान नहीं उड़ा सकते हैं, वे उन्हें हवा से नहीं देख पाते हैं। हिमार्स पर एक बार फायर करने के बाद वापस हिट करना मुश्किल है, क्योंकि यह लगभग तुरंत आगे बढ़ सकता है।
कितने देशों के पास है हिमार्स सिस्टम?
हिमार्स बनाने वाली कम्पनी लॉकहीड मार्टिन को 2019 में हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम लॉन्चर्स और संबंधित उपकरणों के लिए $492 मिलियन का अनुबंध दिया गया था। इसके 35 देशों में 200 से ज्यादा आपूर्तिकर्ता हैं। 
हिमार्स सिस्टम के इस्तेमाल का इतिहास क्या है?
फरवरी 2010 में, अफगानिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) ने संकेत दिया था कि हिमार्स से दागे गए दो रॉकेटों को उनके इच्छित लक्ष्य से 300 मीटर की दूरी पर गिर गया था। ऑपरेशन मोश्तरक के दौरान 12 नागरिकों की मौत हो गई थी। ISAF ने हिमार्स के उपयोग को तब तक निलंबित कर दिया जब तक कि घटना की पूरी समीक्षा पूरी नहीं हो जाती। अक्टूबर 2010 में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट ने तालिबान कमांडरों के ठिकानों को निशाना बनाकर कंधार में नाटो के हमले में सहायता करने का श्रेय हिमार्स को दिया, जिससे कम से कम अस्थायी रूप से कई लोगों को पाकिस्तान भागने पर मजबूर होना पड़ा।

नवंबर 2015 में, अमेरिकी सेना ने खुलासा किया कि उसने उस गर्मी की शुरुआत के बाद से इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर कम से कम 400 रॉकेट दागते हुए हिमार्स को इराक में तैनात किया था। मार्च 2016 में, अमेरिकी सेना ने पड़ोसी जॉर्डन में स्थित लांचरों से इस्लामिक स्टेट से लड़ने वाले सीरियाई विद्रोहियों के समर्थन में पहली बार सीरिया में हिमार्स से रॉकेट दागे थे।

अप्रैल 2016 में, यह घोषणा की गई थी कि अमेरिका इस्लामिक स्टेट के साथ लड़ाई के लिए तुर्की में हिमार्स की तैनाती करेगा। सितंबर की शुरुआत में, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और अमेरिकी विदेश विभाग ने सूचना दी कि एक हिमार्स ने तुर्की सीमा के पास सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों को निशाना बनाया था।

मई 2018 में अफगानिस्तान के मूसा कला में एक हिमार्स हमले में 50 तालिबानी लड़ाके और नेता मारे गए थे।

विस्तार

रूस-यूक्रेन युद्ध में एक बार फिर तेजी आ गई है। 2023 की शुरुआत के दो दिनों में दोनों तरफ से 113 सैनिकों की मौत हो चुकी है। यूक्रेनी सेना के मुताबिक अमेरिकी हिमार्स रॉकेटों से माकीव्का पर किए हमले में एक ही बार में 63 रूसी सैनिकों की मौत हुई है। वहीं, रूसी सेना ने बताया कि लुहांस्क में रविवार-सोमवार के बीच यूक्रेन के 50 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं।

लुहांस्क में रूस की तरफ से नियुक्त किए गए प्रशासक इगोर स्ट्रेल्कोव ने बताया कि यूक्रेनी हमले में सैकड़ों सैनिक हताहत हुए हैं। वहीं, रूसी सेना ने बताया कि बीते एक दिन में यूक्रेनी सेना ने लुहांस्क और दोनेस्क पर 400 हमले किए, जिससे करीब 16 हजार घरों में बिजली नहीं आ रही है।

10 महीने पहले शुरू हुए युद्ध के बाद से यह पहली बार है जब रूस ने किसी एक घटना में 60 से ज्यादा सैनिकों की मौतों को स्वीकार किया है। रूस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। रूस को भारी नुकसान के पहुंचने के पीछे अमेरिकी हिमार्स मिसाइल सिस्टम का हाथ बताया जा रहा है। 

आखिर हिमार्स मिसाइल सिस्टम क्या है? इसकी विशेताएं क्या हैं? यूक्रेन के लिए कैसे उपयोगी साबित हुआ है? क्या हिमार्स यूक्रेन के लिए निर्णायक साबित हो सकता है? रूस के पास क्या इसका कोई जवाब है? हिमार्स सिस्टम के इस्तेमाल का इतिहास क्या है? हिमार्स सिस्टम का इस्तेमाल कितने देशों में हो रहा है? आइये जानते हैं….


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