
सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस नहीं ली तो युवक को भेजा जेल
– फोटो : अमर उजाला
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मध्य्प्रदेश में शासकीय कार्यों में पारदर्शिता लाने और नागरिकों को शासकीय सुविधाओं के लाभ लेने के लिए बाबुओं के चक्कर ना काटने पड़े इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने नाम से आमजन के लिए हेल्पलाइन कॉल सेंटर सुविधा 181 शुरू की है। लेकिन यही सुविधा निरकुंश प्रशासनिक अधिकारियों के मनमाने रवैये के चलते आम आदमी के लिए दुविधा बन गयी है। ताजा मामला प्रदेश के खंडवा जिले का है, जहां सीएम हेल्पलाइन पर हुई एक शिकायत को वापस लेने के लिए जिला प्रशासन अब निरकुंश होकर अत्याचार पर उतर आया है। यहां कॉल सेंटर 181 में की गयी शिकायत को वापस नहीं लेने पर नानी के सामने उसके नवासे को जेल भेज दिया गया। युवक को जेल भेजने का आरोप महिला नायब तहसीलदार पर लगा है। युवक की नानी का कहना है कि महिला नायब तहसीलदार ने पुलिस बुलाकर उसके नवासे को सलाखों के पीछे डलवा दिया ।
यह थी पूरी घटना
खंडवा जिले के ग्राम रोहणी निवासी 70 वर्षीय गीताबाई के पति की मौत हो चुकी है। बुजुर्ग महिला को पेंशन के साथ ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशी भी मिल रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशी उसे केवल दो बार ही मिली। इसके बाद उसके बैंक खाते में रुपये जमा होना बंद हो गए। करीब दो साल तक जब बुजुर्ग महिला को योजना का लाभ नहीं मिला तो वह अपने नवासे शुभम के साथ गांव के सरपंच और पटवारी से मिली । पटवारी ने महिला को आधार ई केवायसी कर आधार अपडेट करवाने के लिए कहा था, जिसके बाद वह करीब दो माह से आधार केंद्र के चक्कर लगा रही थी। आधार केंद्र पर मशीन में अंगूठे का निशान नहीं आने से बुजुर्ग महिला का आधार अपडेट नहीं हो रहा था। इससे परेशान होकर महिला ने सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत की थी। इसी शिकायत के चलते बुजुर्ग महिला को शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय खंडवा बुलाया गया था। जहां वह अपने नवासे शुभम राजपूत के साथ पहुंची। गीताबाई ने बताया कि नवासे शुभम के साथ वह नायब तहसीलदार माला राय की कोर्ट में पेश हुई। यहां उसे कहा गया कि शिकायत वापस ले लो। लेकिन उसने व उसके नवासे ने अपना आधार कार्ड अपडेट करवाए बिना शिकायत वापस लेने से मना कर दिया था। महिला का आरोप है कि इस पर नायब तहसीलदार ने उसे डराया कि शिकायत वापस नहीं ली तो जेल में बंद कर देगें। जिसके बाद भी उन्होंने शिकायत वापस नहीं ली। इसके कुछ देर बाद ही पुलिस बुलवाकर उसके नवासे शुभम को जेल भेज दिया गया।
युवक को शाम को छोड़ा गया जेल से
महिला के अनुसार उसके नवासे शुभम राजपूत को पुलिस ने खंडवा जेल में बंद कर दिया था। लेकिन बुजुर्ग नानी उसके वापस आने के इंतजार में तहसील कार्यालय में ही बैठी रही। इस बीच शहर में रहने वाले उसके एक रिश्तेदार सुनील जलखरे को मालूम चलने पर वे भी खंडवा तहसील कार्यालय पहुंचे। बुजुर्ग गीताबाई ने उन्हें सारे मामले की जानकारी दी। हालांकि शाम करीब सात बजे शुभम को जेल से छोड़ दिया गया। शुभम ने बताया कि उसका यही कुसूर था कि उसकी नानी ने 181 पर की गई शिकायत वापस नहीं ली थी। इसके लिए उसे नायब तहसीलदार ने जेल भेज दिया और उस पर बेवजह कार्रवाई की गई।
बेवजह लगाए जा रहे आरोप – नायब तहसीलदार
इधर नायब तहसीलदार माला राय का कहना है कि सीएम हेल्प लाइन में शिकायत को वापस लेने के लिए दबाव डालकर जेल भेजने जैसी कोई बात नहीं है। बेवजह आरोप लगाया जा रहा है। शिकायत का निराकरण करने के लिए गीताबाई को बुलाया था। गीता बाई मुझसे नहीं मिली वह बाहर ही थी। उनका नवासा शुभम कोर्ट में आया था। उसे ई केवासी में आधार अपडेट के संबंध में जानकारी दी गई थी। उसे समझाया भी गया लेकिन वह शोर मचाते हुए विवाद करने लगा। इस वजह से उस पर धारा 151 में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया था।
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