
कर्नाटक विधानसभा चुनाव
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए अब महज आठ दिन बचे हैं। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बाद कांग्रेस ने भी चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। दोनों ही पार्टियों ने कई बड़े वादे किए हैं। एक-दूसरे के घोषणाओं पर सवाल भी उठाने लगे हैं। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को ‘प्रजा ध्वनि’ नाम दिया है। वहीं, कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों को ‘संकल्प पत्र’ नाम दिया है।
भाजपा के घोषणा पत्र में गरीबों के लिए साल में तीन बार गरीबों को मुफ्त गैस सिलेंडर से लेकर किसानों, महिलाओं और बच्चों तक के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया गया है। वहीं, कांग्रेस के घोषणा में 200 यूनिट बिजली मुफ्त से लेकर परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को हर महीने 2,000 रुपये देने तक का वादा किया गया है।
कांग्रेस ने नफरत फैलाने वाले संगठनों पर बैन लगाने का भी वादा किया है। इसमें सबसे बड़ा नाम बजरंग दल का है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन लगाने का एलान क्यों किया? इसका चुनाव में पार्टी को कितना फायदा मिलेगा? भाजपा और कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्रों में कितना अंतर है? आइए जानते हैं…
#Karnataka #Electionbjp #और #कगरस #क #चनव #घषण #पतर #म #कतन #अतर #बजरग #दल #पर #बन #क #वद #क #कय #मतलब #Karnataka #Assembly #Election #Bjp #Congress #Manifesto #Election #Promise #Ban #Bajrang #Dal