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– फोटो : बासित जरगर
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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने के बाद स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थितियों में पहले से सुधार आया है। यह जानकारी ब्रिटेन में छपने वाले दैनिक अखबार एशियन लाइट में छपी एक रिपोर्ट से सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने हाल ही में दावा किया था कि यूटी प्रशासन की नई नीतियों के चलते क्षेत्र में नए व्यवसायों और उद्योगों की स्थापना में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर दिया गया है। प्रशासन के कदमों को स्थानीय लोगों का समर्थन मिल रहा है।
पोल्ट्री उद्योग को दी गई नई है रूपरेखा को मंजूरी
रिपोर्ट में अपर मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन एवं किसान कल्याण विभाग अटल डुल्लू के हवाले से कहा गया है कि राज्य के पोल्ट्री क्षेत्र को स्थिरता और आत्मनिर्भरता प्रदान करने के लिए कृषि उत्पादन विभाग ने नई रूपरेखा को मंजूरी दी है। इसके तहत अगले पांच वर्षों में कुल 420 उद्यम और 4,250 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए जाएंगे। अभी केंद्र शासित प्रदेश में 1273 करोड़ प्रति वर्ष पोल्ट्री उत्पादों का आयात करना पड़ता है। इनमें 473 करोड़ रुपये के अंडे, 300 करोड़ का पोल्ट्री फीड, 390 करोड़ का चिकन शामिल है।
राज्य में अलगाववाद, आतंक का प्रमुख कारण था अनुच्छेद 370
रिपोर्ट में एलजी के हवाले कहा गया है कि अनुच्छेद 370 प्रदेश में अलगाववाद, आतंकवाद, भाई-भतीजावाद, भेदभाव और भ्रष्टाचार का मूल कारण था। इसके चलते लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर की जनता विकास से वंचित रही। अतीत से तीन साल बाद प्रदेश अब विकास की नई यात्रा तय कर रहा है। एलजी का यह बयान कश्मीर ऑब्जर्वर की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में छपा था, इसका हवाला एशियन लाइट ने दिया है।
युवाओं को मिल रहे समान अवसर
रिपोर्ट में एलजी के हवाले से कहा गया है कि प्रशासन की नीतियों से युवाओं के साथ समाज के प्रत्येक वर्ग को आर्थिक अवसरों के समान अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इसे लोगों को सशक्त बनाने के लिए आकार दिया गया है। प्रदेश का तेजी से हो रहा विकास, बेहतर सामाजिक-आर्थिक मानक, प्राथमिकता वाले सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति, बड़े पैमाने पर पर्यटकों का प्रवाह, तेजी से बढ़ रहा औद्योगिक निवेश और शांतिपूर्ण माहौल समृद्ध होते जम्मू कश्मीर की गवाही दे रहा है।
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