
अर्थव्यवस्था
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नए साल में वैश्विक मांग कमजोर होने और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था एवं निर्यात मामूली रूप से प्रभावित होगा। ऐसे में भारत को अपने चालू खाते में सुधार करने के लिए ऊर्जा आयात पर खर्च में कटौती का प्रयास करना चाहिए।
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) ने मंगलवार को कहा कि 2022 में कच्चे तेल और कोयले के आयात पर भारत 270 अरब डॉलर खर्च करेगा। यह कुल आयात खर्च का 40 फीसदी है। इसमें खर्च में कटौती के लिए भारत को स्थानीय तेल क्षेत्रों में खोज में तेजी लाने के साथ कोयला खदानों के जरिये उत्पादन बढ़ाना होगा। इससे ऊर्जा आयात पर होने वाले खर्च में उल्लेखनीय कमी आएगी और चालू खाते की स्थिति भी सुधरेगी।
भारत लाभ पाने की मजबूत स्थिति में
संस्थान ने कहा, चीन को अलग-थलग कर वैकल्पिक आपूर्ति शृंखला बनाने के अमेरिका के प्रयास से वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं का पुनर्गठन हो रहा है। कई विनिर्माण कंपनियां चीन से बाहर निकलना चाहती हैं। भारत इस रुझान से लाभ पाने की मजबूत स्थिति में है।
450 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है निर्यात
वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का निर्यात बढ़कर 2022 में 440-450 अरब डॉलर पहुंच सकता है। 2021 में यह आंकड़ा 395 अरब डॉलर रहा था। इस दौरान आयात भी बढ़कर 725 अरब डॉलर पहुंच सकता है, जो 2021 में 573 अरब डॉलर था।
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