
राउरकेला स्टेडियम
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बात 2018 की है। कभी लगभग सभी खेलों में टीम इंडिया के प्रायोजक रहा सहारा समूह डूब रहा था। मालिक सुब्रत राय जेल में थे। सहारा समूह एक-एक करके सभी खेलों के स्पॉन्सरशिप छोड़ रहा था। हॉकी भी इसी में शामिल थी। सहारा का सहारा हटने के बाद हॉकी इंडिया को नया प्रायोजक नहीं मिल रहा था। सामने हॉकी विश्वकप, राष्ट्रमंडल खेल और एशियन गेम्स जैसे तीन बड़े टूर्नामेंट थे। ऐसे में हमारे राष्ट्रीय खेल को देश के पूर्वी राज्य ओडिशा से सहारा मिला। जब राज्य सरकार ने खुद टीम इंडिया का प्रायोजक बनने का फैसला लिया।
ओडिशा ने 2018 में पांच साल के लिए हॉकी इंडिया के साथ करार किया था। उसने पुरुष और महिला दोनों टीमों की स्पॉन्सरशिप हासिल की। यह करार करीब 140 करोड़ रुपये में हुआ था। टीम इंडिया ने जब टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया तो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने यह एलान किया कि ओडिशा 2023 के बाद भी 10 सालों तक प्रायोजक रहेगा।
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