बार बजट सत्र 29 जनवरी से 8 अप्रैल तक चलेगा। एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। कोरोना संकट ने उपभोक्ताओं के खर्च और सरकार के राजस्व को कई तरह से प्रभावित किया है। लोगों के रोजगार गए, लोगों के वेतन में कटौती हुई, वर्क फ्राम होम से टैक्स में रिबेट के कुछ माध्यम खत्म हो गए जैसे ट्रैवल, एलटीसी, फूडिंग, ड्राइवर अलाउंस। वहीं नए खर्च शामिल हुए जैसे ब्रॉडबैंड, गैजेट्स, बिजली का बिल बढ़ा। इन चुनौतियों के बीच करदाता बढ़े हुए खर्च पर टैक्स छूट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। टैक्स सलाहकार के.सी.गोदुका का कहना है कि सरकार कुछ वर्षों के लिए इन खर्चों पर टैक्स छूट देती है तो उससे राजस्व पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
कोरोना के टीका पर भी टैक्स छूट मिले
गोदुका का कहना है कि कोरोना के टीका पर भी कुछ समय के लिए टैक्स छूट मिलनी चाहिए। इससे लोग प्रोत्साहित होंगे और खर्च करने में संकोच नहीं करेंगे। उनका कहना है कि टैक्स दरें पांच फीसदी तक आने से उपभोक्ताओं के पास खर्च के लिए ज्यादा राशि बच रही है जिससे सरकार को अधिक अप्रत्यक्ष कर मिल रहा है। ऐसे में सरकार टैक्स छूट बढ़ाती है उसे राजस्व का नुकसान नहीं होगा।
निवेश पर छूट बढ़ाने की जरूरत
टैक्स सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि मौजूदा समय में धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये की छूट मिलती है। इसमें ईपीएफ, पीपीएफ, एनएससी, जीवन बीमा, बच्चों की ट्यूशन फीस और होम लोन का मूलधन भुगतान भी शामिल है। उनका कहना है कि इस बार बजट में सरकार को इसे बढ़ाना चाहिए और कम से कम इसे 2.50 लाख रुपये कर देना चाहिए। जैन का कहना है कि पिछले 18 साल में धारा 80सी के तहत औसत छूट तीन फीसदी बैठती है तो महंगाई दर से कम है।
होम लोन के मूलधन पर अलग छूट मिले
जैन का कहना है कि मकानों की कीमत को देखते हुए धारा 80सी के तहत 1.50 लाख की छूट पर्याप्त नहीं है। उनका कहना है कि कोई व्यक्ति 1.50 लाख की छूट यदि होम लोन के मूलधन पर ले लेता है तो उसके पास अन्य जरूरी निवेश पर छूट लेने का विकल्प नहीं बचेगा। वहीं पीपीएफ, बीमा और अन्य निवेश पर 1.50 लाख छूट लेने के बाद उसके पास होम लोन के मूलधन पर छूट का विकल्प नहीं बचेगा। ऐसे में वित्त मंत्री से उम्मीद करते हैं कि वह होम लोन के मूलधन भुगतान पर अतिरिक्त छूट का विकल्प करदाताओं को दें जैसा कि 2019 के बजट में पहली बार घर खरीदने वालों के लिए किया गया था।
घर खरीदने पर टैक्स छूट बढ़ाए सरकार
मौजूदा समय में खुद के रहने के लिए घर खरीदने पर होम लोन के ब्याज पर अधिकतम दो लाख रुपये तक की टैक्स छूट है। जबकि किराये पर देने के लिए खरीदे गए घर पर 30 फीसदी स्टैंडर्ड डिडक्शन और अगले आठ साल तक नुकसान की भरपाई का विकल्प मिलता है। जैन का कहना है कि घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के मद्देजनर इस बार बजट में सरकार को होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट बढ़ाना चाहिए।
एनपीएस में निवेश करमुक्त हो
वर्तमान समय में एनपीएस में 60 फीसदी राशि करमुक्त है। जबकि 40 फीसदी राशि की एन्यूटी खरीदनी पड़ती है। जैन का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद कमाई के घटते विकल्प को देखते हुए एनपीएस की पूरी राशि करमुक्त होनी चाहिए। जैन का कहना है कि कोरोना ने टैक्स छूट में बड़े बदलाव का अवसर दिया है और उपभोक्ताओं को आज इसकी बड़ी जरूरत है।
संसद सत्र 29 जनवरी से, एक फरवरी को पेश होगा आम बजट
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