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Bihar :लालू की नजर में राहुल बन रहे दूल्हा तो फिर बात क्यों नहीं मान रहे नीतीश; इंतजार में तीन बैठकें निकलीं – Bihar News : Cm Nitish Kumar Cabinet Expansion In Bihar, Why Rahul Gandhi Congress Is Waiting For Two Minister

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Bihar News : cm nitish kumar cabinet expansion in bihar, why rahul gandhi congress is waiting for two minister

नीतीश कुमार, राहुल गांधी, लालू प्रसाद।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के खिलाफ बने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्ल्युसिव एलायंस (I.N.D.I. Alliance) की जब तैयारी शुरू हुई थी, उसके ठीक पहले बिहार में जमकर राजनीतिक ड्रामा हुआ था। नीतीश कुमार सरकार के एक मंत्री ने अचानक इस्तीफा दे दिया। सरकार ने झटके में जदयू के एक विधायक को मंत्रीपद की शपथ दिला दी। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के इस्तीफा देने वाले दोनों मंत्रीपद खाली थे, वह नहीं भरे गए। कांग्रेस की दो मंत्री पदों की मांग धरी रह गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी एकता की पहली बैठक के बाद यह कर लिया जाएगा। पटना की इस बैठक में कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी आए तो दो मंत्री पदों का आश्वासन ले गए। इस बैठक का समापन लालू ने राहुल गांधी के दूल्हे वाली बात से की और मुंबई में हुई तीसरी मीटिंग में भी उन्होंने कांग्रेस के युवराज के प्रति जिम्मेदारी दिखाई। लेकिन, 23 जून से 05 सितंबर तक तो कांग्रेस की यह एक मुराद पूरी नहीं हो सकी। जब भी लालू-राहुल, लालू-नीतीश मिले, कांग्रेसी उम्मीद जागी और फिर ध्वस्त हो गई। क्यों?

क्या है मंत्रीपद का गणित, कब से यह मांग

राजद के साथ जनादेश लेने के बाद जब नीतीश कुमार भाजपा के साथ मुख्यमंत्री बने तो फॉर्मूला थोड़ा अलग था, लेकिन जब भाजपा के साथ 2020 का चुनाव जीतने के बाद राजद के साथ एक साल पहले सरकार बनी तो चार विधायकों पर एक मंत्रीपद का हिसाब बना। कांग्रेस को छोड़ दें तो विधानसभा में संख्या बल के मामले में नंबर वन राजद और मुख्यमंत्री के जनता दल यूनाईटेड (JDU) को इस हिसाब से पद मिले भी। कांग्रेस के 19 विधायकों पर दो ही मंत्री बने। राजद में दो मंत्रियों का इस्तीफा हुए एक साल होने जा रहा है। कांग्रेस की दो मंत्रीपदों की मांग पर कई बार किचकिच हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह इस एजेंडे को लेकर लगातार आवाज उठाते-उठाते पिछली बार इसी सवाल पर चिढ़ भी चुके हैं। 

कांग्रेस ने इसे शर्त नहीं, स्वाभाविक माना

23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक के पहले जब हम (से) के इकलौते मंत्री संतोष कुमार सुमन उर्फ सुमन मांझी ने जब इस्तीफा दिया तो मुख्यमंत्री ने आननफानन में जदयू से विधायक रत्नेश सदा को मंत्रीपद की शपथ दिलवा दी। तब यह कहा गया कि विपक्षी एकता की बैठक के बाद बाकी को देखा जाएगा। बैठक में राहुल गांधी आए और कांग्रेस ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात में उन्होंने दो पदों के लिए बात कर ली है। 25 जून को ही बिहार कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा- “मंत्रिमंडल में 2 सीटों की कांग्रेस की मांग स्वाभाविक है, शर्त नहीं। उम्मीद है सीएम नीतीश कुमार इसे  पूरा करेंगे। राहुल गांधी भी सीएम से बात कर चुके हैं।” 

कांग्रेस की चुप्पी के पीछे की वजह यही क्या

पटना में पहली बैठक के बाद नीतीश-लालू की जब-जब मुलाकात हुई, यह माना गया कि मंत्रिमंडल विस्तार पर बात हुई है। पिछले हफ्ते मुंबई में विपक्षी दलों की तीसरी बैठक हो गई। इस दौरान लालू प्रसाद ने राहुल गांधी के प्रति पूरी आस्था जताई। इसके पहले लालू ने राहुल गांधी को दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर मटन पार्टी पर भी बुलाया था। सावन खत्म होने के बाद राहुल गांधी ने उसका वीडियो भी जारी किया था। मुंबई में राहुल गांधी, लालू यादव और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई। मुंबई से लौटने के बाद भी लालू-नीतीश की मुलाकात हो चुकी है, लेकिन अब मंत्रिमंडल विस्तार पर कांग्रेस की ओर से भी आवाज शांत है। बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस आलाकमान की दखल को देखते हुए चुप रहने में भलाई समझ रहा है। यूपीए की जगह बने नए गठबंधन में राहुल गांधी की भूमिका और विपक्षी गठबंधन के नारे में कांग्रेस की झलक को देखते हुए भी कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेता इसपर बात नहीं कर रहे हैं।

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