हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया में भारत विरोधी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है। मंदिरों को तोड़ा गया है, भारतीय मूल के लोगों पर हमला किया गया है और यहां तक कि वाणिज्य दूतावास को भी निशाना बनाया गया है। आठ मार्च को जैसे ही अल्बानी भारत के लिए रवाना हुए, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में श्री स्वामीनारायण मंदिर को खालिस्तान समर्थकों से धमकी भरा फोन आया। उस व्यक्ति ने मंदिर के अध्यक्ष को चेतावनी दी कि हिंदुओं को खालिस्तान का समर्थन करें या गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
चार मार्च को ब्रिस्बेन में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई और इसकी दीवार पर हिंदू विरोधी नारे लिखे लिखे गए थे। मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुबह के समय श्रद्धालु मंदिर में पूजा-पाठ के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान उन्होंने देखा कि मंदिर की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
फरवरी मध्य में ऑस्ट्रेलिया में दो हिंदू मंदिरों को धमकियां दी गईं थीं। पहला मामला ब्रिस्बेन स्थित गायत्री मंदिर का था। रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के अध्यक्ष जय राम और उपाध्यक्ष धर्मेश प्रसाद को अलग-अलग फोन आए। फोन करने वाले ने शिवरात्रि पर मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे लगवाने का दबाव डाला। बाद में मंदिर की जनसंपर्क अधिकारी नीलिमा ने भी कहा कि उन्हें एक अमेरिकी नंबर से कई फोन आए। वहीं, इन फोन कॉल के बाद मंदिर प्रबंधन ने वहां सुरक्षा बढ़ा दी थी।
दूसरा मामला ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में काली माता मंदिर का था, जिसके पुजारी को फोन पर धमकी दी गई। पुजारी भावना को फोन कॉल करके धमकी में दी गई थी कि यदि भजन कार्यक्रम रद्द नहीं हुए तो नतीजे गंभीर होंगे। उस वक्त मंदिर का प्रबंधन आगामी धार्मिक कार्यक्रमों की तैयारी कर रहा था।
23 जनवरी को सामने आईं रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में इस्कॉन मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों ने कथित तौर पर तोड़फोड़ की थी। इतना ही नहीं, मंदिर में भारत विरोधी नारे भी लिखे गए थे।
इससे पहले 16 जनवरी को कैरम डाउन इलाके में स्थित श्री शिवा विष्णु मंदिर पर भी भारत विरोधी नारे लिख दिए गए थे। मंदिर में जब भारत विरोधी नारे लिखे गए, उस वक्त मंदिर में तमिल हिंदुओं द्वारा तीन दिन का थाई पोंगल त्योहार मनाया जा रहा था। 15 जनवरी को खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में एक कार रैली निकालकर खालिस्तान पर जनमत के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें समर्थन नहीं मिल सका। मेलबर्न में भारतीय मूल की करीब 60 हजार आबादी रहती है, लेकिन रैली के दौरान कुछ सौ लोग ही मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इसी गुस्से में हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया था।
वहीं, 12 जनवरी को, मेलबर्न में स्वामीनारायण मंदिर में ‘असामाजिक तत्वों’ द्वारा भारत विरोधी चित्र और नारे लिखे गए थे।
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