टीम इंडिया ने श्रीलंका को तीन मैचों की टी20 सीरीज के आखिरी और निर्णायक मुकाबले में 91 रनों से हराया। हार्दिक पांड्या के नेतृत्व में टीम इंडिया को शुरुआती दो मुकाबले में श्रीलंका से कड़ी टक्कर मिली, लेकिन आखिरी मैच में भारत की यंग टीम ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, जिसका नतीजा ये हुआ कि श्रीलंका की टीम अंतिम मैच में एकतरफा अंदाज में मैच गंवाने के लिए मजबूर हो गई।
तीन मैचों की टी20 सीरीज का पहला मैच भारत ने दो रन से जीता था, जबकि दूसरे मैच में श्रीलंका ने वापसी करते हुए भारत को 16 रनों से हराया। लेकिन तीसरे मैच में भारत ने श्रीलंका की टीम को चारों खाने चित कर दिया। इस मैच में भारत के यंग खिलाड़ियों ने दूसरे मैच की गलती नहीं दोहराई, खासकर भारतीय गेंदबाजों ने। यहां हम आपको बताने जा रहे भारत की जीत के पांच बड़े कारणों के बारे में।
राहुल त्रिपाठी ने दिखाए तेवर
भारत के लिए अपना दूसरा मैच खेलने उतरे राहुल त्रिपाठी ने टीम के लिए जो प्लेटफॉर्म सेट किया, ये उसी का नतीजा था कि टीम 200 के पार पहुंच सकी। ईशान किशन के सस्ते में आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे राहुल त्रिपाठी ने पहले मैच की असफलता को भुलाते हुए दूसरे मैच में दमदार शुरुआत की और देखते ही देखते उन्होंने पावरप्ले के अंदर भारत के स्कोर को 50 के पार पहुंचा दिया। वहीं इस दौरान शुभमन गिल 10 गेंद बाद अपना खाता खोलने में कामयाब हुए थे। हालांकि राहुल 16 गेंद में 35 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
सूर्यकुमार और शुभमन गिल के बीच शतकीय साझेदारी
राहुल त्रिपाठी के आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे सूर्यकुमार यादव ने गिल के साथ मिलकर पारी को संभाला। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 53 गेंदों में 111 रन की साझेदारी हुई। इस पार्टनरशिप में सूर्यकुमार ने 34 गेंद में 77 रन बनाए, जबकि शुभमन गिल ने 19 गेंद में 32 रन का योगदान दिया। इस साझेदारी की बदौलत भारतीय टीम मजबूत स्थिति में पहुंची। हालांकि 15, 16 और 17वें ओवर में भारत ने विकेट गंवाए, लेकिन इसके बावजूद सूर्यकुमार ने रन गति को कम नहीं होना दिया।
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सूर्यकुमार का तूफानी शतक
उपकप्तान सूर्यकुमार यादव पिछले मैच की तरह इस मैच में भी पहले से सेट होकर उतरे थे। उन्होंने 26 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और फिर अगली 19 गेंदों में शतक तक पहुंच गए। सूर्यकुमार ने 45 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। ऐसा करते ही वे भारत के लिए सबसे तेज शतक जड़ने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए। वहीं, नंबर चार पर खेलते हुए शतक जड़कर उन्होंने इतिहास रच दिया, क्योंकि उनसे पहले कोई भी बल्लेबाज ओपनिंग से हटकर 3 शतक नहीं जड़ सका है। भारतीय पारी में एक छोर से सूर्यकुमार की आक्रामक बल्लेबाजी जारी रही, उन्होंने अपनी पारी में नौ छक्के और सात चौके लगाए।
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अर्शदीप की जबरदस्त वापसी
दूसरे मैच में 5 नो-बॉल देखकर आलोचना झेलने वाले अर्शदीप सिंह ने तीसरे और आखिरी मैच में ना सिर्फ वापसी की बल्कि मैच में सर्वाधिक विकेट झटकने वाले गेंदबाज भी बने। उन्होंने श्रीलंका के तीन बल्लेबाजों को आउट किया। हालांकि इस मैच में उन्होंने 4 वाइड गेंद डाली।
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भारतीय गेंदबाजों का उम्दा प्रदर्शन
भारतीय टीम के गेंदबाज शुरुआती दो मैचों में काफी महंगे साबित हुए थे। अनुभवहीन गेंदबाजी आक्रामण होने का श्रीलंका की टीम को फायदा मिला और पहले दो मैचों में श्रीलंका की टीम ने खूब जमकर रन बटोरे। लेकिन तीसरे मैच में भारत का गेंदबाजी आक्रमण अनुशासन के साथ गेंदबाजी करता नजर आया। टीम ने कुल 11 वाइड गेंद जरूर डाली, लेकिन उसका रिजल्ट पर कोई असर नहीं पड़ा।
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