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एक दौर ऐसा भी था, जब अनिल अंबानी को देश के बड़े अरबपतियों में गिना जाता था लेकिन हालात बदले और कर्ज के जाल में फंस गए। इसका असर अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की उन कंपनियों पर भी पड़ा जो शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। ऐसी ही एक कंपनी रिलायंस कैपिटल है। साल 2007-2008 में जब दुनिया मंदी के दौर को देख रही थी तब रिलायंस कैपिटल के शेयर की कीमत 2700 रुपये के पार थी। इस शेयर पर निवेशकों को भरोसा था लेकिन जैसे-जैसे अनिल अंबानी की आर्थिक स्थिति खराब हुई यह शेयर भी बर्बाद होता चला गया।
क्या है स्थिति
अब स्थिति यह है कि रिलांयस कैपिटल के शेयर को पेनी स्टॉक्स की कैटेगरी में रखा गया है। इसका मतलब है कि शेयर की कीमत मामूली यानी 10 रुपये के स्तर पर रह गई है। कुछ महीनों पहले तक यह शेयर 5 रुपये से नीचे भी जा चुका है।
अब चर्चा क्यों: रिलायंस कैपिटल के शेयर की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि लगातार 5 प्रतिशत तक का अपर सर्किट लग रहा है। अपर सर्किट का मतलब है कि शेयर की इतनी खरीदारी हो गई कि ट्रेडिंग बंद करनी पड़ी। अभी शेयर की कीमत बीएसई इंडेक्स पर 10.66 रुपये की है। बीते 28 अगस्त को ट्रेडिंग ओपन होते ही शेयर की कीमत 9 रुपये के पार पहुंच गई। इसके बाद से तेजी का जो सिलसिला चल पड़ा है, वो अब भी बरकरार है।
आपको बता दें कि कई दिनों तक रिलायंस कैपिटल की ट्रेडिंग बंद थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर इस शेयर पर Trading Restricted का मैसेज दिख रहा था। यह कंपनी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है और हिंदुजा समूह सफल बोलीदाता के तौर पर उभरा है। कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल को जून तिमाही में ₹444 करोड़ का प्रॉफिट हुआ है।
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