गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद के रिस्तल गांव के दोस्त गौरव कसाना (25) और दुर्गेश कसाना (25) की बर्बरता से पीटकर हत्या करने के बाद शव अलग-अलग गांव के खेत में फेंक दिए गए। पहचान मिटाने के लिए दोनों के चेहरे तेजाब से झुलसा दिए गए। दोनों 31 दिसंबर 2022 की रात करीब आठ बजे नए साल का जश्न मनाने के लिए निकले थे। इसके बाद से लापता चल रहे थे। 104 घंटे बाद बुधवार दोपहर तीन बजे उनके शव मिले। दोनों लंबे समय से गांव के बाहर चल रहीं तार जलाने की अवैध फैक्टरियों का विरोध कर रहे थे और कई जगह शिकायत की थी। परिजनों का आरोप है कि इसी विरोध की वजह से फैक्टरी मालिक ने उनकी हत्या कराई है। रिस्तल गांव के प्रधान सतपाल ने बताया कि लापता होने के बाद जब खोजबीन करने पर भी उनका कुछ पता नहीं चल सका तो परिजनों ने मंगलवार सुबह टीला मोड़ थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।
दोनों के शव मिलने की सूचना पर रिस्तम गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। शव रखकर लोगों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दोनों की हत्या तार जलाने वाली फैक्टरियों के मालिक ने कराई है। तार जलने से निकलने वाले धुएं से गांव के लोगों का सांस लेना तक दूभर हो जाता है। गौरव और दुर्गेश फैक्टरियों को अवैध बताते हुए उनके खिलाफ अभियान चला रहे थे।
फैक्टरी बंद कराने के लिए प्रशासन से शिकायत भी कर चुके थे। लोगों ने पुलिस से कहा कि इसी रंजिश में उनकी हत्या की गई है। मांग रखी कि फैक्टरी मालिक को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। इसी मांग पर उनकी पुलिस से नोंकझोंक भी हुई। बाद में पुलिस अफसरों ने निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर हंगामा थमा और युवकों के शव उठाए गए।
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