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जीनोम सीक्वेंसिंग डाटा:भारत में ओमिक्रॉन और इसके उप-स्वरूप अब भी मौजूद, Xbb की जगह ले रहा Ba.2.75 सब-वैरिएंट – Covid-19 Omicron Sub Lineages Spreading In India Xbb Cases Increases

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ओमिक्रॉन वैरिएंट

ओमिक्रॉन वैरिएंट
– फोटो : Pixabay

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करीब तीन महीने बाद इन्साकॉग नेटवर्क ने जीनोम सीक्वेंसिंग का डाटा अपडेट किया है, जिससे पता चला है कि भारत में कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप से निकला बीए.2.75 उप-स्वरूप धीरे-धीरे एक्सबीबी उप-स्वरूप की जगह ले रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में बीए.2.75 उप-स्वरूप का प्रसार अधिक मिलने के साक्ष्य भी हैं।

हालांकि, इन्साकॉग के सदस्य और नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने इस जीनोम थ्योरी पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है, सामान्य तौर पर यह असंभव लगता है। यह कहने से पहले कि एक्सबीबी की जगह बीए.2.75 का प्रसार बढ़ रहा है, कई स्पष्टीकरण होने जरूरी हैं।

उन्होंने अलग-अलग राज्यों में सैंपल लेने के तरीके अलग होने का तर्क रखते हुए कहा कि जीनोम विज्ञान में यह दोनों ही स्वरूप अलग संरचना रखते हैं। ऐसे में भौगोलिक नमूनाकरण पूर्वाग्रह, कम जीनोम सीक्वेंसिंग, बीए.2.75 उप-स्वरूप में कुछ अतिरिक्त म्यूटेशन हो रहे हैं, जिनकी वजह से एक्सबीबी का स्थान ले रहे हैं या फिर हम एक नए स्वरूप को गलत तरीके से वर्गीकृत कर रहे हैं। डॉ. स्कारिया ने कहा, इन चारों सवाल के जवाब सिर्फ जीनोम सीक्वेंसिंग से ही मिल सकते हैं।

वायरस का मरीजों पर गंभीर असर नहीं
इन्साकॉग ने सितंबर, 2022 के बाद मंगलवार को एक साथ तीन बुलेटिन अपनी वेबसाइट पर जारी किए। इसमें बताया गया कि ओमिक्रॉन और इसके उप-स्वरूप भारत में प्रमुख संस्करण बने हुए हैं। एक्सबीबी सबसे प्रचलित उप-स्वरूप है जो 63.2 फीसदी रोगियों में मिल रहा है। बीए.2.75 और बीए.2.10 वैरिएंट भी कुछ हद तक प्रसारित हो रहे थे। हालांकि, राहत की बात है कि बीमारी में कोई वृद्धि या फिर इस अवधि के दौरान रोगियों में संक्रमण की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई बदलाव नहीं देखा गया है। इन्साकॉग ने दिसंबर माह तक की स्थिति बुलेटिन में बताई है, जबकि तीन जनवरी को अपनी वेबसाइट अपडेट करते हुए एक्सबीबी वैरिएंट की जगह बीए.2.75 का प्रसार बढ़ने की पुष्टि की है।

भारत में कोविड एक्सबीबी.1.5 उप-स्वरूप के पांच मामले मिले
भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कोविड-19 के एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप के पांच मामले भारत में पाए गए हैं। आईएनएसएसीओजी के मंगलवार के आंकड़ों के मुताबिक, पांच में से तीन मामले गुजरात में और एक-एक कर्नाटक तथा राजस्थान में पाए गए हैं। एक्सबीबी.1.5 स्ट्रेन, ओमिक्रॉन से संबंधित है। अमेरिका में इस उप स्वरूप  के 44 फीसदी से ज्यादा मामले हैं। आईएनएसएसीओजी ने कहा है कि कोविड-19 स्वरूप ओमिक्रॉन और इसके उप स्वरूप भारत में एक्सबीबी के साथ प्रमुख रूप से सक्रिय हैं।

कोरोना : 134 नए केस, सक्रिय मरीजों की संख्या 2,582
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। बीते दिन 134 नए मामले मिले, जबकि सोमवार को 173 मामले दर्ज किए गए थे। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 88 की कमी आई। बीते सप्ताह संक्रमण के मामलों में मामूली बढ़ोतरी के चलते सक्रिय मरीजों की संख्या तीन हजार पार हुई थी। फिलहाल इनकी संख्या कम होकर 2,582 रह गई। वहीं, मंत्रालय ने बीते दिन संक्रमण के चलते किसी भी मरीज की मौत नहीं होने की जानकारी दी है। आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के कुल मामले 4.46 करोड़ (4,46,78,956) हो गए हैं, वहीं संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 5,30,707 है। 
  

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करीब तीन महीने बाद इन्साकॉग नेटवर्क ने जीनोम सीक्वेंसिंग का डाटा अपडेट किया है, जिससे पता चला है कि भारत में कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप से निकला बीए.2.75 उप-स्वरूप धीरे-धीरे एक्सबीबी उप-स्वरूप की जगह ले रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में बीए.2.75 उप-स्वरूप का प्रसार अधिक मिलने के साक्ष्य भी हैं।

हालांकि, इन्साकॉग के सदस्य और नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने इस जीनोम थ्योरी पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है, सामान्य तौर पर यह असंभव लगता है। यह कहने से पहले कि एक्सबीबी की जगह बीए.2.75 का प्रसार बढ़ रहा है, कई स्पष्टीकरण होने जरूरी हैं।

उन्होंने अलग-अलग राज्यों में सैंपल लेने के तरीके अलग होने का तर्क रखते हुए कहा कि जीनोम विज्ञान में यह दोनों ही स्वरूप अलग संरचना रखते हैं। ऐसे में भौगोलिक नमूनाकरण पूर्वाग्रह, कम जीनोम सीक्वेंसिंग, बीए.2.75 उप-स्वरूप में कुछ अतिरिक्त म्यूटेशन हो रहे हैं, जिनकी वजह से एक्सबीबी का स्थान ले रहे हैं या फिर हम एक नए स्वरूप को गलत तरीके से वर्गीकृत कर रहे हैं। डॉ. स्कारिया ने कहा, इन चारों सवाल के जवाब सिर्फ जीनोम सीक्वेंसिंग से ही मिल सकते हैं।

वायरस का मरीजों पर गंभीर असर नहीं

इन्साकॉग ने सितंबर, 2022 के बाद मंगलवार को एक साथ तीन बुलेटिन अपनी वेबसाइट पर जारी किए। इसमें बताया गया कि ओमिक्रॉन और इसके उप-स्वरूप भारत में प्रमुख संस्करण बने हुए हैं। एक्सबीबी सबसे प्रचलित उप-स्वरूप है जो 63.2 फीसदी रोगियों में मिल रहा है। बीए.2.75 और बीए.2.10 वैरिएंट भी कुछ हद तक प्रसारित हो रहे थे। हालांकि, राहत की बात है कि बीमारी में कोई वृद्धि या फिर इस अवधि के दौरान रोगियों में संक्रमण की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई बदलाव नहीं देखा गया है। इन्साकॉग ने दिसंबर माह तक की स्थिति बुलेटिन में बताई है, जबकि तीन जनवरी को अपनी वेबसाइट अपडेट करते हुए एक्सबीबी वैरिएंट की जगह बीए.2.75 का प्रसार बढ़ने की पुष्टि की है।

भारत में कोविड एक्सबीबी.1.5 उप-स्वरूप के पांच मामले मिले

भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कोविड-19 के एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप के पांच मामले भारत में पाए गए हैं। आईएनएसएसीओजी के मंगलवार के आंकड़ों के मुताबिक, पांच में से तीन मामले गुजरात में और एक-एक कर्नाटक तथा राजस्थान में पाए गए हैं। एक्सबीबी.1.5 स्ट्रेन, ओमिक्रॉन से संबंधित है। अमेरिका में इस उप स्वरूप  के 44 फीसदी से ज्यादा मामले हैं। आईएनएसएसीओजी ने कहा है कि कोविड-19 स्वरूप ओमिक्रॉन और इसके उप स्वरूप भारत में एक्सबीबी के साथ प्रमुख रूप से सक्रिय हैं।

कोरोना : 134 नए केस, सक्रिय मरीजों की संख्या 2,582

देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। बीते दिन 134 नए मामले मिले, जबकि सोमवार को 173 मामले दर्ज किए गए थे। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 88 की कमी आई। बीते सप्ताह संक्रमण के मामलों में मामूली बढ़ोतरी के चलते सक्रिय मरीजों की संख्या तीन हजार पार हुई थी। फिलहाल इनकी संख्या कम होकर 2,582 रह गई। वहीं, मंत्रालय ने बीते दिन संक्रमण के चलते किसी भी मरीज की मौत नहीं होने की जानकारी दी है। आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के कुल मामले 4.46 करोड़ (4,46,78,956) हो गए हैं, वहीं संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 5,30,707 है। 

  


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