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आज का शब्द:पुकार और हरिवंशराय बच्चन की कविता- संकेत किया यह किसने, यह किसकी भौहें घूमीं ? – Aaj Ka Shabd Pukar Harivanshrai Bachchan Best Hindi Poem Sanket Kiya Yah Kisne

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                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- पुकार, जिसका अर्थ है- पुकारने या बुलाने की क्रिया या भाव, सहायता के लिए आर्त स्वर में लगाई जाने वाली आवाज़, दुहाई। प्रस्तुत है हरिवंशराय बच्चन की कविता- संकेत किया यह किसने, यह किसकी भौहें घूमीं ? 
                                                                                                
                                                     
                            

गूँजी मदिरालय भर में 
लो,'पियो,पियो'की बोली !

1-

संकेत किया यह किसने,
यह किसकी भौंहें घूमीं ?
सहसा मधुबालाओं ने 
मदभरी सुराही चूमी;
           फिर चली इन्हें सब लेकर,
           होकर प्रतिबिम्बित इनमें,
चेतन का कहना भी क्या,
जड़ दीवारें भी झूमीं,
           सबने ज्योहीं कलि-मुख की 
           मृदु अधर पंखुरियाँ खोलीं,
           गूँजी मदिरालय भर में 
           लो,'पियो,पियो'की बोली ! 
 
2-

जिस अमृतमय वाणी के 
जड़ में जीवन जग जाता,
रुकता सुनकर वह कैसे ,
रसिकों का दल मदमाता;
           आँखों के आगे पाकर 
           अपने जीवन का सपना,
हर एक उसे छूने को 
आया निज कर फैलाता;
           पा सत्य,कलोल उठी कर 
           मधु के प्यासों की टोली,
           गूँजी मदिरालय भर में 
           लो,'बढ़ो,बढ़ो'की बोली ! 

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8 hours ago

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